गुजरात के गांधीनगर में 18 से 22 अक्टूबर के बीच होने वाले भारत के 12वें डिफेक्सपो 2022 में रक्षा क्षेत्र की बड़ी अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन रक्षा क्षमताओं और उत्पादों का अपना विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो प्रदर्शित करने जा रही है। कंपनी इस बार एयरोनॉटिक्स, रोटरी और मिशन सिस्टम्स से लेकर मिसाइल तथा फायर कंट्रोल तक विभिन्न क्षेत्रों में उच्च श्रेणी की तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन करेगी। इस साल एग्जिबिशन में लॉकहीड मार्टिन का प्राथमिक आकर्षण होगा तकनीकी तौर पर सबसे विकसित माना जाने वाला जटिल एयरोस्ट्रक्चर- ईंधन ले जाने वाला ‘मेड इन इंडिया’ फाइटर विंग।
यह फाइटर विंग निर्मित किया गया है हैदराबाद स्थित टाटा लॉकहीड मार्टिन एयरोस्ट्रक्चर्स लिमिटेड (टीएलएमएएल) फसिलिटी में। टीएलएमएएल भारत सरकार के मेक इन इंडिया लक्ष्यों को मूर्त रूप देता है और नए सुपर हरक्यूलस एयरक्राफ्ट पर लगने वाले सी-130जे एम्पनेज असेंबलीज का अकेला ग्लोबल सप्लायर है। अब तक टीएलएमएएल 180 से ऊपर सी-130जे एम्पनेज का उत्पादन और निर्यात कर चुका है।
लॉकहीड मार्टिन के बूथ पर भारत और अमेरिका के बीच भागीदारी की मजबूत विरासत का प्रतीक सी-130जे सुपर हरक्यूलस एयरलिफ्टर भी प्रदर्शित किया जाएगा। भारतीय वायुसेना इस विमान बेड़े का इस्तेमाल कार्गो डिलीवरी से लेकर मानवीय सहायता उपलब्ध कराने तक अनेकानेक अभियानों में करती है। भारतीय वायुसेना ने कोविड 19 महामारी के दौरान मानवीय सहायता उपलब्ध कराने में और तौकते तथा यास चक्रवाती तूफानों से हुई तबाही के बीच प्रभावित क्षेत्रों में राहतकर्मियों को ले जाने और राहत सामग्री पहुंचाने में सुपर हरक्यूलस विमानों का जमकर इस्तेमाल किया था।
एफ 21 लड़ाकू विमान
भारतीय वायुसेना को अपना लड़ाकू विमान एफ 21 सौंपने के अथक प्रयासों के तहत कंपनी अपने इस उत्पाद को भी प्रदर्शित करेगी और इसके लिए लॉकहीड मार्टिन एक्जिबिशन बूथ में प्रमुख स्थान सुनिश्चित करेगी। बयान के मुताबिक यह एय़रक्राफ्ट चौथी और पांचवीं दोनों जेनरेशन की टेक्नॉलजी का फायदा उठाते हुए भारतीय वायुसेना की जरूरतों के अनुरूप ही नहीं उससे बेहतर क्षमता प्रदर्शित करता है और इस तरह न केवल मेक इन इंडिया के तहत नए औद्योगिक अवसर मुहैया कराता है बल्कि एडवांस्ड टेक्नॉलजी में भारत अमेरिका सहयोग को भी गति प्रदान करता है। बयान में कहा गया है कि एफ 21 भारतीय वायुसेना को – भारत से और भारत के लिए- एडवांस्ड, स्केलेबल सिंगल इंजिन फाइटर डेलिवर करने की लॉकहीड मार्टिन की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है।
एमएच-60 आर ‘रोमियो’ मल्टी-मिशन हेलिकॉप्टर
भारतीय नौसेना द्वारा हाल ही में हासिल किया गया एमएच-60-आर रोमियो मल्टी-मिशन हेलिकॉप्टर इस शो में लॉकहीड मार्टिन की एक और खास पेशकश होगा। एमएच-60 आर दुनिया का सबसे एडवांस्ड मैरीटाइम हेलिकॉप्टर है जो हिंद प्रशांत क्षेत्र में एंटी सबमरीन और एंटी सरफेस वॉरफेयर के खास
कौशल लेकर आया है। एमएच-60 आर लॉकहीड मार्टिन तथा भारत-अमेरिका सहयोग शृंखला की नवीनतम कड़ी है। अमेरिकी नौसेना ने पहले तीन विमान भारतीय नौसेना को 2021 में पहुंचाए। जुलाई-अगस्त 2022 में अमेरिकी नौसेना ने भारत को तीन और हेलिकॉप्टर दिए जो पहले नौसेना के कोच्चि स्थित आईएनएस गरुड़ एयर स्टेशन पर रहेंगे। अगले कुछ वर्षों में देश को 24 एमएच-60 आर हेलिकॉप्टर मिलने वाले हैं।
सुरक्षा और विश्वसनीयता के लिहाज से बेहतरीन माना जाने वाला एस-92 हेलिकॉप्टर भी इस शो में लॉकहीड मार्टिन की शोभा बढ़ाएगा। एस 92 हेलिकॉप्टर ने हाल ही में 20 लाख फ्लीट फ्लाइट आवर्स (उड़ान के घंटे) की सीमा को पार कर लिया जो इस मल्टी मिशन एयरक्राफ्ट की विश्वसनीयता का प्रमाण है।
जैवलिन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम
जैवलिन जॉइंट वेंचर के हिस्से के रूप में लॉकहीड मार्टिन जैवलिन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम का भी उत्पादन करती है। यह बहुपयोगी और प्रभावी वन मैन पोर्टेबल वेपन सिस्टम आधुनिक युद्ध क्षेत्र में करीबी भिड़ंत के तरह-तरह के खतरों से निपटने की क्षमता प्रदान करता है। फायर एंड फॉरगेट टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करते हुए यह हथियार बाहरी कमांड के बगैर खुद ही निशाने लगता है जिससे सैनिक को कवर लेने या खुद को रीपोजिशन करने का मौका मिल जाता है। 65 मीटर से लेकर बिलकुल अनुकूल स्थितियों में 4 किलोमीटर तक की रेंज और मौसम तथा युद्धक्षेत्र की प्रतिकूलताओं में भी ऑपरेट करने की क्षमता की बदौलत जैवलिन अलग-अलग माहौल और स्थितियों में काम में लाया जा सकता है।
भारत के डिफेक्सपो 2022 की संभावनाओं पर टिप्पणी करते हुए लॉकहीड मार्टिन के वाइस प्रसिडेंट और चीफ एक्जीक्युटिव विलियम एल ब्लेयर ने कहा, ‘लॉकहीड मार्टिन भारत की सामरिक सुरक्षा क्षमताओं की बढ़ोतरी और देश के अंदर डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास में योगदान करने को प्रतिबद्ध है। टाटा के साथ हमारे जाइंट वेचर्स और अशोक लीलैंड, लक्ष्मी मशीन, मिधानी, रोसेल टेकीज और सास्मोस जैसी कई भारतीय कंपनियों के साथ हमारे औद्योगिक रिश्ते रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के भारत सरकार के मिशन की कामयाबी का उदाहरण हैं।
ब्लेयर ने कहा, ‘डिफेक्सपो 2022 में शिरकत करने से हमें अपनी एडवांस्ड टेक्नॉलजी और नवाचार की क्षमता को डिफेंस तथा एयरोस्पेस पार्टनर्स और भारत में हमारे कस्टमर्स के सामने प्रत्यक्ष रूप से प्रदर्शित करने का मौका मिलता है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमें अपने कस्टमर्स औऱ इंडस्ट्री पार्टनर्स के साथ मिलकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, देसी उत्पादन और मानव पूंजी विकास का एजेंडा आगे बढ़ाने से संबंधित उनकी प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श करने के इस मौके का इंतजार है।
टीम भारतशक्ति