रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 27 अक्टूबर को कहा कि भारत का लक्ष्य 1994 के संसदीय संकल्प के अनुरूप गिलगिट और बाल्टिस्तान जैसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के इलाके फिर से हासिल करना है। उन्होंने कहा, ‘हमने जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के विकास की अपनी यात्रा अभी शुरू ही की है। हम अपना लक्ष्य तब पूरा करेंगे जब गिलगिट और बाल्टिस्तान पहुंचेंगे।’ उन्होंने भारतीय वायुसेना के श्रीनगर स्थित बड़गांव ओल्ड एयरफील्ड पर उतरने के अभियान को 75 साल पूरा होने के मौके पर आयोजित शौर्य दिवस समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
शौर्य दिवस या इन्फ्रैंट्री डे स्वतंत्र भारत के उस पहले सैन्य अभियान की याद में मनाया जाता है जिसमें भारतीय गणराज्य और महाराजा हरि सिंह के बीच विलयपत्र पर हस्ताक्षर होने के अगले ही दिन 27 अक्टूबर 1947 को भारतीय सेना ने हथियारबंद पाकिस्तानी कबाइलियों द्वारा कश्मीर घाटी में भारत की भूमि पर किए गए हमले को नाकाम कर दिया था। सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन के सैनिकों ने उस विजय अभियान को पूरा किया था।
पाकिस्तान पर अधिकृत कश्मीर के लोगों को यातनाएं देने और परेशान करने का आरोप लगाते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, इस्लामाबाद ‘नफरत के बीज बो रहा है और वह समय दूर नहीं जब लोग यहां सामूहिक विद्रोह पर उतर आएंगे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘पीओके के लोगों को मूलभूत अधिकारों से भी वंचित रखा गया है और वे यह बात अच्छी तरह समझते हैं।’ उन्होंने पाकिस्तान को मानवाधिकार के सवाल पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करने की सलाह देते हुए कहा कि वह आतंकवाद को कुचल देने की बात करते हुए जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम करता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय पैदल सेना की बहादुरी, त्याग और सेवाओं को राष्ट्र सलाम करता है। उन्होंने कहा कि 1947 में सेना ने कश्मीर पर अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश में लगे दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया। इस साल का शौर्य दिवस पाकिस्तानी आक्रमणकारियों से कश्मीर की रक्षा करने के लिए पहले सिख रेजिमेंट के श्रीनगर स्थित ओल्ड एयरफील्ड पर उतरने की 75वीं वर्षगांठ है।
भारतीय सेना ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक हिस्से के रूप में यह समारोह आयोजित किया और ऐतिहासिक घटनाओं की पुनर्प्रस्तुति का भी गवाह बनी। प्रस्तुतियों में बड़गाम लैंडिंग्स, पाकिस्तान द्वारा स्टैंड स्टिल समझौते का उल्लंघन जैसी घटनाओं को तो शामिल किया ही गया, अपनी जान कुर्बान करने वाले बहादुर सैनिकों तथा जम्मू कश्मीर के लोगों को श्रद्धांजलि देने औऱ 1947 की जंग में शामिल वॉर हीरोज के परिजनों को सम्मानित करने के लिए एयरशो भी आयोजित किया। लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज पांडे, नॉर्दर्न कमांड के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वेस्टर्न एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल एस प्रभाकरन और जीओसी 15 कोर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस ऑजला भी समारोह में मौजूद थे।
श्रीनगर से आदित्य लेंका और रोहित पंडिता