भारत ने 84,328 करोड़ रुपये के रक्षा खरीद प्रस्ताव को दी मंजूरी

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देश में रक्षा खरीद से जुड़ी सर्वोच्च संस्था रक्षा अधिग्रहण परिषद या डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) ने गुरुवार को हलके टैंक और मिसाइल सिस्टम्स सहित 84,328 करोड़ रुपये मूल्य के हथियारों तथा रक्षा उपकरणों की खरीद से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में दी गई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी ने तीनों सेनाओं और भारतीय तटरक्षक बल के लिए पूंजी अधिग्रहण के 24 प्रस्तावों को एओएन (आवश्यकता की स्वीकृति) प्रदान किया। इनमें से 82,127 करोड़ रुपये मूल्य के 21 प्रस्ताव (97 फीसदी) ऐसे हैं जिनका संबंध स्वदेशी स्रोतों से खरीदी से है और जो आत्मनिर्भरता अभियान का लक्ष्य पूरा करने के मकसद से घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूती देंगे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक,डीएसी की यह अभूतपूर्व पहल न केवल सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करेगी बल्कि आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में रक्षा उद्योग को भी बढ़त देगी।

इन 24 प्रस्तावों में से 6 थल सेना के लिए, 6 वायुसेना के लिए, 10 नौसेना के लिए और 2 तटरक्षक बल के लिए है। भारत के रक्षा खरीदी नियमों के मुताबिक डीएसी का एओएन मिलना भारी सैन्य मशीनरी की खरीद की दिशा में पहला कदम होता है।

डीएसी की ओर से मंजूर किए गए अहम प्रस्तावों में हलके टैंक और एफआईसीवी (फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट वीइकल) शामिल हैं। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर 30 महीने से जारी गतिरोध के बीच सेना पहाड़ों पर ऊंचाई वाले मोर्चे के लिए हलके टैंक और एफआईसीवी की जरूरत बताती रही है। एलएसी पर बढ़े हुए खतरों से निपटने के लिए सेना को खास तौर पर हलके टैंक की बहुत जरूरत है।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि जो एओएन मिले हैं उनसे भारतीय सेना को फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट वीइकल्स, लाइट टैंक और माउंटेड गन सिस्टम्स जैसे प्लैटफॉर्म्स और उपकरणों से लैस होगी जिससे उसके ऑपरेशनल प्रिपेयर्डनेस में जबर्दस्त बढोतरी होगी। मंजूर किए गए प्रस्तावों में सैनिकों के लिए बैलिस्टिक हेलमेट की खरीद भी शामिल है।

बयान के मुताबिक, नैवल एंटी शिप मिसाइल्स, मल्टी परपज वेसल्स और हाई एंडुरेंस ऑटोनोमस वीइकल्स की खरीदी को मिली मंजूरी भारतीय नौसेना की क्षमता में इजाफा करते हुए हमारी समुद्री ताकत को और बढ़ाएगी।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि नए मिसाइल सिस्टम्स, लॉन्ग रेंज गाइडेड बम, आधुनिक सर्वेलांस सिस्टम्स और पारंपरिक बमों का असर बढ़ाने वाले उपकरणों के मिलने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में बढ़ोतरी होगी जिससे उसे काफी मजबूती मिलेगी।

बयान में कहा गया है कि भारतीय तटरक्षक बल के लिए अगली जेनरेशन के ऑफशोर पेट्रोल वेसल्स की खरीदी से तटीय इलाकों में निगरानी की क्षमता को नई ऊंचाई मिलेगी।

टीम भारतशक्ति


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