भारतीय वायुसेना की ऑपरेशनल जरूरतों के एकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने एक नई वेपन सिस्टम्स ब्रांच के गठन की अनुमति दे दी है। यह नई ब्रांच भारतीय वायुसेना के सभी वेपन सिस्टम ऑपरेटर्स को एक साथ लाकर उन सबकी जिम्मेदारी संभालेगी।
एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने चंडीगढ़ में शनिवार को एयर फोर्स डे के मौके पर यह घोषणा करते हुए कहा, ‘इस ऐतिहासिक अवसर पर यह बताते हुए मुझे खुशी हो रही है कि सरकार ने भारतीय वायु सेना के ऑफिसरों के लिए एक वेपन सिस्टम ब्रांच के गठन को मंजूरी दे दी है। आजादी के बाद से पहली बार कोई नया ऑपरेशनल ब्रांच गठित होने जा रहा है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘यह मूलतः चार स्पेशलाइज्ड स्ट्रीम – सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, रिमोट पायलट वाले विमान और ट्विन तथा मल्टी-क्रू विमानों के वेपन सिस्टम ऑपरेटर्स- के परिचालन के लिए है। इस ब्रांच के गठन से उड़ान के प्रशिक्षण पर होने वाले खर्च में कमी आने के कारण 3,400 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत होगी।’
भारतीय वायु सेना के सूत्रों के मुताबिक मिसाइल सिस्टम ऑपरेटर्स, अनमैंड एयरियल वीइकिल (यूएवीज) और टू-सीटर एयरक्राफ्ट के वेपन सिस्टम ऑफिसर्स के लिए अलग ब्रांच गठित किया जाना संचालन संबंधी जरूरतों को समन्वित करने की कोशिश है जो एक्टिव फ्लाइंग से अलग है। आगे चलकर जटिल ऑपरेशनल डायनामिक्स वाले मिसाइल सिस्टम शामिल किए जाने और तीनों सेनाओं के एयर डिफेंस ऐसेट के लिए एकीकृत एयर डिफेंस कमांड गठित किए जाने का जिक्र करते हुए सूत्रों ने बताया कि गैरविशेषीकृत ब्रांचों से टुकड़ों में ऑफिसरों की तैनाती का चलन धीरे-धीरे बंद करने और नॉन फ्लाइंग ऑपरेशनल काडर को व्यवस्थित करने की जरूरत है।
उम्मीद की जाती है कि यह समर्पित ब्रांच वेपन सिस्टम ऑपरेटर्स को पायलट से अलग कर देगी। वायुसेना इन काडरों को बढ़ाकर धीरे-धीरे पायलटों को इस काम से छुटकारा देना चाहती है ताकि वे फ्लाइंग ड्यूटी के लिए उपलब्ध रहें। इस ब्रांच से उन ऑफिसरों को भी जोड़ा जाना है जो इंटेलिजेंस एनालिस्ट के रूप में दक्ष हैं और अनमैंड एय़रियल वीइकल्स (यूएवीज) तथा अंतरिक्ष स्थित ऐसेट्स के जरिए इंटेलिजेंस इकट्ठा करने का काम देखते हैं। सूत्रों के मुताबिक सूचनाएं एकत्र करने में स्पेस ऐसेट्स और यूएवीज की बढ़ती भूमिका को देखते हुए भारतीय वायुसेना के अधिकारी काफी समय से एक अलग ब्रांच गठित करने की जरूरत महसूस कर रहे थे।
इन्हीं बातों का ध्यान रखते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि संपूर्ण युद्ध शक्ति का संयुक्त और एकीकृत इस्तेमाल सुनिश्चित करने की योजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मल्टी डोमेन ऑपरेशंस में कामयाबी के लिए ऐसे लचीले और मजबूत कमांड तथा कंट्रोल स्ट्रक्चर का होना बेहद अहम है जो एक जॉइंट फोर्स को विभिन् क्षेत्रों में अपना दबदबा कायम करने की इजाजत दे। कोई भी एक सेना अकेले दम पर युद्ध नहीं जीत सकती। इसलिए तीन सेनाओं में एकरूपता लाने की कोशिशें आगे बढ़ाई जा रही हैं।’
टीम भारतशक्ति