आत्मनिर्भर भारत को फास्ट ट्रैक पर लाते हुए रक्षा क्षेत्र की पब्लिक सेक्टर कंपनियों ने पहली और दूसरी पॉजिटिव इनडिजनाइजेशन लिस्ट (पीआईएल) यानी सकारात्मक देशीकरण सूची में दर्ज कुल 214 आइटम्स में से 72 का देशीकरण दिसंबर 2023, दिसंबर 2024 और दिसंबर 2025 की तय समय सीमा से काफी पहले ही शुरू कर दिया है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में दी गई है।
बयान में कहा गया है कि बाकी 142 आइटम्स का देशीकरण दिसंबर 2022 की समय सीमा के अनुरूप किया जा रहा है। देशीकृत किए जा रहे मुख्य सब-सिस्टम्स/लाइन रिप्लेसमेंट युनिट्स (एलआरयू) में जहाजों के लिए मैगजिन फायरफाइटिंग सिस्टम्स, फ्रिगेट्स के लिए फिन स्टैबिलाइजर्स विद कंट्रोल, आकाश मिसाइलों के लिए प्रेशराइज्ड कंटेनर्स, कॉनकर्स मिसाइल और इलेक्ट्रिक मोटर के लिए केओई चार्ज और बैट्ल टैंक्स के लिए डीकंटैमिनेशन सेट तथा प्रिज्म ऑप्टिकल इंस्ट्रूमेंट शामिल हैं।
इन आइटम्स के अलावा कुछ अन्य महत्वपूर्ण अवयव हैं हेलिकॉप्टर के लिए इंटरमीडिएट कास्टिंग्स, पनडुब्बियों के लिए पोलिक्रोपीन रबर बैंड और जहाजों के लिए हाई-प्रेशर रेगुलेटिंग वाल्व। सभी देशीकृत आइटमों की विस्तृत जानकारी SRIJAN पोर्टल (srijandefence.gov.in) पर उपलब्ध है।
गौरतलब है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और आयात कम करने के उद्देश्य से रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) ने एलआरयूज/ सब-सिसटम्स/ सब-असेंबलीज/ अवयवों के लिए तीन देशीकरण सूची (पीआईएल) क्रमशः दिसंबर 2021, मार्च 2022 और अगस्त 2022 में नोटिफाई की थी। पहली पीआईएल में 351 आइटम थे, दूसरी में 107 और तीसरी में 780 आइटम दिए गए थे।
इसके बाद रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) ने 72 देशीकृत आइटमों (पीआईएल 1 के 67 और पीआईएल 2 के 5) के लिए संशोधित समयसीमा को नोटिफाई किया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अब ये आइटम केवल भारतीय उद्योगों से ही खरीदे जाएंगे जिससे एमएसएमईज समेत घरेलू इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा और विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
इससे सशस्त्र सेनाओं की जरूरते पूरी करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के सामानों की आपूर्ति करने की घरेलू इंडस्ट्री की क्षमता में सरकार के बढ़ते विश्वास को भी मजबूती मिलेगी।
टीम भारतशक्ति