डिफेक्सपो 2022 में दिख रहा है भारत का रक्षा उत्पादन कौशल

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रक्षा प्रदर्शनी का 12वां संस्करण डिफेक्सपो 2022 गुजरात के गांधीनगर में 18 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना की टीम सारंग द्वारा समुद्री प्लैटफॉर्म्स और हवाई करतबों के प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ। कोस्टगार्ड (तटरक्षक) प्लैटफॉर्म्स भी इस शो का हिस्सा थे और नौसेना के अपने साथियों के साथ आर्मी कमांडो भी इसमें शामिल रहे। बकौल रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, यह अब तक की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इस प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन किया। 

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 75 देशों से आए प्रतिभागियों के अलावा 33 रक्षा मंत्री भी इस प्रदर्शनी में उपस्थित हैं। 1340 कंपनियां तो इसमें शिरकत कर ही रही हैं, 10 भारतीय राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों ने प्रदर्शनी स्थल पर अपने पैविलियन भी लगाए हैं।

रक्षामंत्री ने कहा, हम डिजाइन, डिवेलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देशों में शामिल होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हम सबसे बड़े रक्षा आयातक देश से निर्यातक देश में रूपांतरित होने की यात्रा पर हैं। यह डिफेक्सपो इस यात्रा की रफ्तार और तेज करेगा।

एक लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला 1,340 कंपनियों के रेकॉर्ड रजिस्ट्रेशन वाला डिफेक्सपो 2022 अब तक का सबसे बड़ा डिफेंस एग्जिबिशन है।

पांच दिनों के इस डिफेक्सपो का प्रमुख उद्देश्य है निर्यात। इस दौरान दो अलग-अलग कॉनक्लेव आयोजित किए जा रहे हैं- इंडिया अफ्रीका डिफेंस डायलॉग (आईएडीडी) और इंडियन ओशन रीजन प्लस (आईओआर +)। 

आईएडीडी के लिए 53 से ज्यादा अफ्रीकी देशों को आमंत्रित किया गया है और आईओआर + के लिए 44 देशों को, जिसकी अध्यक्षता इवेंट के पहले दिन मंगलवार को राजनाथ सिंह ने की।

आईएडीडी और आईओआर + कॉनक्लेव इस पूरे क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, समृद्धि तथा रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने और यहां नए रक्षा संबंधी तथा औद्योगिक संपर्क व क्षमताएं बनाने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं। 

 

निर्यात को बढ़त

सरकार रक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रही है और इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि भारत मौजूदा वित्त वर्ष के पहले छह महीने में ही 8000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात तक पहुंच चुका है जिसका मतलब यह है कि वह इस साल रक्षा निर्यात का अब तक का रेकॉर्ड तोड़ सकता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को डिफेक्सपो 2022 के दौरान पत्रकारों से बातचीत में बताया, हम इस साल (अब तक) 8000 करोड़ रुपये के बराबर रक्षा निर्यात करने में सफल रहे हैं और पिछले साल के आंकड़े को पीछे छोड़ देंगे।

भारत ने साल 2021-22 में 13000 करोड़ रुपये का रेकॉर्ड रक्षा निर्यात किया था। 2020 में सरकार ने अगले पांच वर्षों में रक्षा साजो-सामान और सेवाओं तथा एयरोस्पेस में 35,000 करोड़ रुपये (5 अरब डॉलर) निर्यात का लक्ष्य तय किया था। यह 2025 तक डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में 1.75 लाख करोड़ रुपये (25 अरब डॉलर) टर्नओवर का लक्ष्य हासिल करने की सरकार की कोशिशों का हिस्सा है। 

रक्षामंत्री सिंह ने बताया, सबसे बड़े रक्षा आयातक से निर्यातक देश बनने की यह यात्रा रूपांतरित करने वाली है। भारत अब दुनिया के 25 सबसे बड़े रक्षा निर्यातक देशों में है। 

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि डिफेक्सपो 2022 के दौरान सहमति पत्रों (एमओयू) तकनीकी स्थानांतरण समझौतों और प्रोडक्ट लॉन्चों के रूप में 450 से अधिक साझेदारियों की अपेक्षा की जा रही है जो पिछले संस्करण के मुकाबले लगभग दोगुना है।

रवि शंकर


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Ravi Shankar
Dr Ravi Shankar has over two decades of experience in communications, print journalism, electronic media, documentary film making and new media. He makes regular appearances on national television news channels as a commentator and analyst on current and political affairs. Apart from being an acknowledged Journalist, he has been a passionate newsroom manager bringing a wide range of journalistic experience from past associations with India’s leading media conglomerates (Times of India group and India Today group) and had led global news-gathering operations at world’s biggest multimedia news agency- ANI-Reuters. He has covered Parliament extensively over the past several years. Widely traveled, he has covered several summits as part of media delegation accompanying the Indian President, Vice President, Prime Minister, External Affairs Minister and Finance Minister across Asia, Africa and Europe.

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