गांधीनगर में हुए डिफेक्सपो 2022 के दौरान 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश से जुड़े 451 सहमतिपत्रों (एमओयू), तकनीक स्थानांतरण समझौतों (टीओटी) पर हस्ताक्षर किए गए। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इनमें से 345 एमओयूज, 42 बड़ी घोषणाएं, 46 प्रोडक्ट लॉन्च और 18 टीओटीज हैं। गुजरात ने 28 एमओयूज और एक प्रोडक्ट लॉन्च का योगदान किया है। भारतीय वायुसेना और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने 6800 करोड़ रुपये मूल्य के 70 एचटीटी-40 स्वदेशी ट्रेनर एयरक्राफ्ट के समझौते को अंतिम रूप दिया।
महात्मा मंदिर कन्वेंशन सेंटर में हुए डिफेक्सपो के 12वें संस्करण के समापन समारोह में रक्षा सचिव अजय कुमार ने बताया कि बिजनेस जेनरेशन के मामले में इसने अब तक के सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
कुमार ने कहा, ‘यह अब तक का सबसे उत्कृष्ट डिफेंस एक्सपो था। इसमें सबसे ज्यादा संख्या में एग्जिबिटर्स शामिल हुए और दसियों हजार बिजनेस विजिटर्स इसके गवाह बने। इस डिफेंस एक्सपो ने जितना बिजनेस जेनरेट किया है, उससे पिछले सारे रेकॉर्ड टूट गए।’
कुमार ने आगे कहा, ‘ पिछला डिफेंस एक्सपो 2020 में लखनऊ में हुआ था जिसमें 201 एमओयूज साइन हुए थे। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आज 451 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। इससे 1,53,000 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है।’
उन्होंने कहा कि सहमतिपत्र और समझौते ‘इंडस्ट्री तथा इंडस्ट्री, इंडस्ट्री तथा राज्य सरकार और इंडस्ट्री तथा केंद्र सरकार’ के बीच साइन किए गए।
समारोह के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मंच पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि 12वां संस्करण अब तक का सबसे अच्छा डिफेंस एक्सपो है औऱ इसने भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए सशक्तीकरण के नए युग की शुरुआत की है।
सिंह ने आगे कहा, ‘यह भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की शुरुआत है। इस एक्सपो ने दिखाया है कि भविष्य भारत का है। इस एक्सपो ने दिखाया है कि भारत डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनने वाला है।’
तीन दिनों के इस डिफेक्सपो के समापन समारोह को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने कहा इवेंट के इस 12वें संस्करण ने भारतीय रक्षा क्षेत्र के विकास और इसकी निपुणता का नया अध्याय लिखा है। उन्होंने इसे आत्मनिर्भरता के ऐसे नए युग की शुरुआत बताया जिसमें एक मजबूत औऱ समृद्ध ‘न्यू इंडिया’ दुनिया की बड़ी ताकतों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है। कार्यक्रम की शानदार सफलता इस बात का सबूत है कि भारत आने वाले समय में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि डिफेक्सपो 2022 ने विभिन्न देशों के साथ भारत का रक्षा सहयोग बढ़ाने और आपसी हितों पर विचार-विमर्श करने के एक मंच का काम किया है। उन्होंने डिफेक्सपो में सक्रिय तौर पर शामिल होने वाले विभिन्न देशों के रक्षामंत्रियों के साथ अपनी फलप्रद बातचीत और इंडियन ओशन रीजन प्लस (आईओआर+) कॉन्क्लेव के सफल संचालन पर भी रोशनी डाली। उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र को भारत के लिए सामरिक महत्व का क्षेत्र बताया। उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि बनाए रखने के लिहाज से प्रधानमंत्री की ‘सागर’ (सिक्यॉरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) परिकल्पना को दोहराया।
रवि शंकर