रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 2 नवंबर को ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर पहली बार लंबी दूरी वाली इंटरसेप्टर मिसाइल एडी-1 का सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर मिसाइल के दूसरे चरण के इस पहले फ्लाइट टेस्ट में अलग-अलग स्थानों पर स्थित तमाम बीएमडी वेपन सिस्टम्स की भी भागीदारी रही।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक एडी-1 एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है जिसे लॉन्ग-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों और विमानों के एक्सो-एटमॉसफेरिक तथा एंडो-एटमॉसफेरिक इंटरसेप्शन के लिए डिजाइन किया गया है। एक्सो एटमॉफेरिक रेंज 130 किलोमीटर की ऊंचाई तक होती है। लॉन्ग-रेंज न्यूक्लियर मिसाइलें टारगेट पर मार करने के लिए उतरने से पहले तक हवा में 200 किलोमीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर चलती हैं। एडी-1 दो स्टेज वाली ठोस मोटर से चलती है और स्वदेश में विकसित किए गए आधुनिक कंट्रोल सिस्टम, नैविगेशन और अलगोरिदम से लैस होती है।
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार फ्लाइट टेस्ट के दौरान सारे सब-सिस्टम्स ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन किया। फ्लाइट डेटा रेकॉर्ड करने के लिए लगाए गए रडार, टेलीमेट्री तथा इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैंकिंग स्टेशंस जैसे तमाम रेंज सेंसर्स ने इस बात की पुष्टि की।
बीएमडी का इस्तेमाल दुश्मन की न्यूक्लियर मिसाइल को बीच हवा में ही रोकने के लिए होता है। एडी-1 की रेंज इतनी है कि यह भारत से काफी दूर भी किसी दुश्मन मिसाइल को रोक सकती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे खास तरह का इंटरसेप्टर बताते हुए कहा कि यह ऐसी आधुनिक टेक्नॉलजी से लैस है जो कुछ ही देशों के पास है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह देश की बीएमडी क्षमता को मजबूत बनाते हुए नए लेवल पर ले जाएगी। डीआरडीओ के प्रमुख समीर वी कामथ ने कहा कि यह इंटरसेप्टर यूजर को अलग-अलग तरह के टारगेट्स को रोकने की जबर्दस्त क्षमता मुहैया कराएगा।
भारत के बीएमडी कार्यक्रम के दो चरण हैं। पहला चरण पूरा हो चुका है जबकि दूसरा चरण जारी है।
टीम भारतशक्ति