प्रधानमंत्री शुक्रवार को पहला स्वदेश में बना एयरक्राफ्ट कैरियर नौसेना को सौंपेंगे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का पहला स्वदेश निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर आईएसी-1 विक्रांत अगले सप्ताह नौसेना को सौंपने वाले हैं। 2 सितंबर को इसके नौसेना के जहाजी बेड़े में शामिल होने से देश के एयरक्राफ्ट कैरियर प्रोग्राम को जबर्दस्त बढ़त मिलेगी। हालांकि हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीनी चुनौतियों के मद्देनजर अपनी धार बनाए रखने के लिए भारतीय नौसेना तीसरे कैरियर पर जोर दे रही है।

नौसेना के वाइस एडमिरल सतीश एन घोरमडे ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आईएसी के निर्माण से देश में आवश्यक इकोसिस्टम तैयार हो चुका है। यही वक्त है अगला देशी एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो विशेषज्ञता हासिल हुई है, उसका आने वाले समय में अधिकतम उपयोग होगा।

भारतीय नौसेना की लंबे समय से यह मांग रही है कि उसके पास तीन कैरियर होने चाहिए ताकि एक अगर मरम्मत के लिए गया हो तो भी कम से कम दो उपलब्ध रहें, एक पूर्वी तट के लिए और दूसरा पश्चिमी तट के लिए। आईएनएस विक्रमादित्य के मरम्मत से गुजर रहे होने के कारण पिछले करीब दो वर्षों से नौसेना के पास कोई भी ऑपरेशनल एयरक्राफ्ट नहीं है। ध्यान रहे, इसी बीच चीन ब्लूवाटर नेवी पर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए इसी जून में तीसरा कैरियर फूजियान लॉन्च करने के बाद दो और कैरियर बनाने में तेजी से जुटा हुआ है।

 

 

वाइस एडमिरल ने बताया कि एयरक्राफ्ट लैंडिंग के परीक्षण नवंबर में शुरू होंगे और 2023 के मध्य तक पूरे कर लिए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा,एक बार युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार हो जाए तो आईएनएस विक्रांत हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा। लेकिन इसके नौसेना शामिल होने से भी जरूरी प्रतिरोध (डेटरेंस) हमें मिल जाएगा। इसलिए आईएनएस विक्रांत का नौसेना में शामिल होना हमारे लिए बड़ी बात है।


वाइस एडमिरल घोरमडे ने कहा कि कोच्चि में 2 सितंबर को प्रधानमंत्री की मौजूदगी में आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल किए जाने से भारत उन देशों के इलीट क्लब में प्रवेश कर जाएगा जो 40,000 टन से ऊपर की श्रेणी वाले एयरक्राफ्ट कैरियर बना सकते हैं। उन्होंने कहा, यह भारत के लिए एक यादगार दिन होगा। उस दिन रक्षा उत्पादन में भारत के बढ़ते कौशल की झलक मिलेगी।

उन्होंने यह भी बताया कि शुरू के कुछ साल युद्धपोत पर रूसी मिग-29के फाइटर जेट लगाए जाएंगे लेकिन आगे चल कर डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किए जा रहे ट्विन इंजन डेक-बेस्ड फाइटर तैनात किए जाने हैं। इस बीच नौसेना 26 डेक-बेस्ड विमान लेने वाली है जिसके लिए बोइंग के एफ/ए-18 सुपर हॉरनेट और दसॉल्ट एविएशन के राफेल एम एयरक्राफ्ट को शॉर्टलिस्ट किया गया है। वाइस एडमिरल घोरमडे ने कहा कि नौसेना अभी दोनों विमानों के मूल्यांकन की प्रक्रिया में है, लेकिन यह खरीद कुछ समय के लिए ही होगी क्योंकि एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए सरकार की नजर देश में ही विकसित डेक-बेस्ड जेट पर है।

20,000 करोड़ रुपये की लागत से डायरेक्टोरेट ऑफ नैवल डिजाइन द्वारा डिजाइन और कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित किए गए आईएनएस विक्रांत का वजन 42,800 टन है और इसमें चार जेनरल इलेक्ट्रिक इंजन लगे हैं।

जहाज में मिग-29के फाइटर जेट, कामोव-31, एमएच-60आर मल्टीरोल हेलिकॉप्टर और देश में ही बना एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) तथा लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए-नेवी) सहित 30 एयरक्राफ्ट वाला एयरविंग होगा। शॉर्ट टेक-ऑफ बट ऐरेस्टेड रिकवरी (एसटीओबीएआर) नाम का एक अनोखा एयरक्राफ्ट ऑपरेशन मोड इस्तेमाल करते हुए आईएसी को एयरक्राफ्ट लॉन्चिंग के लिए स्की-जंप और उसकी वापसी के लिए तीन ऐरेस्टर वायरसुविधा से लैस किया गया है।

इसका निर्माण 2009 में शुरू हुआ और 2013 में इसे पानी में उतारा गया। 262 मीटर लंबे और 62 मीटर चौड़े विक्रांत का वजन (पूरी तरह लदा होने की स्थिति में) 43000 टन है। इसकी गति अधिकतम 28 नॉट्स और क्षमता 7500 समुद्री मील है। 2200 कमरों वाला यह जहाज करीब 1600 कर्मचारियों के लिए तैयार किया गया है जिसमें महिला ऑफिसरों और नौसैनिकों के लिए विशेष केबिन भी शामिल हैं। कैरियर को मशीनों के संचालन और शिप नैविगेशन की ही दृष्टि से नहीं, हादसों जैसी स्थिति में बचे रहने के लिहाज से भी काफी हद तक स्वचालित बनाया गया है। यह अत्याधुनिक उपकरणों और प्रणालियों से लैस है।

विक्रांत के निर्माण के साथ ही भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे उन चुनिंदा देशों के ग्रुप में शामिल हो गया है जिनके पास देश में ही एयरक्राफ्ट कैरियर डिजाइन करने और बनाने की क्षमता है।

रवि शंकर


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Ravi Shankar
Dr Ravi Shankar has over two decades of experience in communications, print journalism, electronic media, documentary film making and new media. He makes regular appearances on national television news channels as a commentator and analyst on current and political affairs. Apart from being an acknowledged Journalist, he has been a passionate newsroom manager bringing a wide range of journalistic experience from past associations with India’s leading media conglomerates (Times of India group and India Today group) and had led global news-gathering operations at world’s biggest multimedia news agency- ANI-Reuters. He has covered Parliament extensively over the past several years. Widely traveled, he has covered several summits as part of media delegation accompanying the Indian President, Vice President, Prime Minister, External Affairs Minister and Finance Minister across Asia, Africa and Europe.

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