सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे पांच दिनों की राजकीय यात्रा पर नेपाल रवाना हुए। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मजबूती देना है। सात दशकों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक सोमवार को काठमांडू में एक समारोह में नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी आर्मी चीफ को जनरल ऑफ द नेपाल आर्मी की मानद उपाधि प्रदान करेंगी।
यात्रा के दौरान सेना प्रमुख नेपाल की राष्ट्रपति, वहां के प्रधानमंत्री और आर्मी चीफ सहित वरिष्ठ मिलिटरी और सिविलियन लीडरशिप से बातचीत में भारत नेपाल
रक्षा संबंधों को मजबूती देने के उपायों पर विचार-विमर्श करेंगे। सेना प्रमुख की यह पहली यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारतीय सेना में नेपाली गोरखों की भर्ती को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। नेपाल सरकार ने पिछले महीने गोरखों की भारतीय सेना में भर्ती स्थगित कर दी। विदेश मंत्री नारायण खड़का का कहना था कि अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती नेपाल, भारत और ब्रिटेन के बीच 1947 में हुए त्रिपक्षीय समझौते के अनुरूप नहीं है। बहुत संभव है कि इस मसले पर बने भ्रम को दूर करने के लिए बातचीत में गोरखों का मुद्दा भी उठाया जाए।
भारत और नेपाल के बीच साझा सांस्कृतिक जुड़ाव और आपसी विश्वास तथा परस्पर सम्मान पर आधारित ऐतिहासिक और बहुआयामी संबंध हैं। भारत नेबरहुड फर्स्ट और एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत नेपाल से अपने रिश्तों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस यात्रा से द्विपक्षीय जुड़ाव की मौजूदा स्थिति पर विचार करने और द्विपक्षीय हितों के आधार पर सहयोग को मजबूती देने का अवसर मिलेगा।
टीम भारतशक्ति
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