स्वीडन की रक्षा कंपनी साब कंधे से फायर करने वाले वेपन सिस्टम कार्ल गुस्ताफ एम 4 का भारत में उत्पादन शुरू करेगी। ‘मेक इन इंडिया’ पॉलिसी के तहत की जा रही इस पहल का मकसद देसी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना है। अपनी इस योजना का खुलासा करते हुए साब के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गोर्गेन जोहानसन ने 27 सितंबर को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत में शुरू हो रहे इस युनिट में उत्पादन 2024 तक शुरू हो जाएगा।
कार्ल-गुस्ताफ एम 4 ऐसी रिकॉइललेस राइफल है जिसका इस्तेमाल भारतीय सेना भी करती है। कंपनी ने एक बयान में बताया कि इस नए युनिट में उत्पादित होने वाले अवयव (अलग-अलग अंग) दुनिया भर में इस वेपन सिस्टम के यूजर्स को भेजे जाएंगे। जोहानसन ने कहा, ‘हमने अब तक किसी और देश में ऐसा नहीं किया है।’ हालांकि उन्होंने इस युनिट में कंपनी के निवेश के बाबत कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक दुनिया भर के यूजर्स के लिए वेपन सिस्टम और उसके अंगों का उत्पादन करने के उद्देश्य से साब एफएफवी इंडिया नाम से एक नई कंपनी बनाई गई है जिसका अभी रजिस्ट्रेशन हो रहा है। जोहानसन ने बताया कि साब इंडिया भारतीय सब-सप्लायर्स के साथ भागीदारी करेगी और इस युनिट में उत्पादित सिस्टम्स मेक इन इंडिया की सभी शर्तों के अनुरूप होंगे।
कार्ल-गुस्ताफ वेपन सिस्टम का इस्तेमाल भारतीय सेना में 1976 से ही हो रहा है। इसके एम2 और एम 3 वैरिएंट्स का उत्पादन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड करती रही है। चीन से लगती एलएसी पर भारतीय सेना की लगभग सभी फॉरवर्ड पोस्टों पर इस वेपन सिस्टम के पहले वाले वर्जन इस्तेमाल हो रहे हैं। जोहानसन ने बताया कि भारत के इस युनिट में उत्पादित होने वाले वेपन सिस्टम भारतीय वायु सेना को जाएंगे जबकि इसके अवयव दुनिया भर के सिस्मट यूजर्स को भेजे जाएंगे।
टीम भारतशक्ति