संपादक की बात रक्षा खरीद नीति (डीपीपी) 2016 को क्रांतिकारी दस्तावेज बताया गया था। अड़ियल अफसरशाही का हस्तक्षेप कम करना, पारदर्शिता की शुरुआत करना, खरीद प्रक्रिया तेज करना, रक्षा में प्रत्यक्ष... Read more
Editor’s Note DPP 2016 was hailed as a path breaking document. It was meant to loosen the reins of an overbearing bureaucracy, usher in transparency, speed up the procurement process, provid... Read more
संपादक की बात 28 महीने में मनोहर पर्रिकर ने तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों के साथ इतने सहज संबंध बना लिए थे, जितने बहुत कम दिखे हैं। उन्होंने निडर होकर काम किया और सेना को परिचालनगत क्षमता... Read more
EDITOR’S NOTE In a span of 28 months Manohar Parrikar had developed easy relationships with the top brass of the three services; as has rarely ever been witnessed. He threw caution to... Read more
संपादक की बात प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने लंबी दूरी तय कर ली है। लेखक पाठक को भारत के प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम से परिचित करा रहे हैं और यह भी बता रहे हैं कि उत्त... Read more
EDITOR’S NOTE In the absence of formally defined National Interests and a National Security Policy framework, a fair amount of adhocism characterises our defence planning. With rising... Read more
संपादक की टिप्पणी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) ने भारत में उच्च तीव्रता की प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न की हैं। यह तथ्य, कि यह उस क्षेत्र से हो कर गुजरता है जिसे भारत अपना होने का दावा कर... Read more
Editor’s Note India has traversed a long mile in the arena of missile technology. The author takes the reader on a perceptive stroll through the Indian missile development programme and also... Read more
Editor’s Note The China-Pakistan-Economic-Corridor (CPEC) has evoked high decibel responses in India. The fact that it runs through territory that Indians claim as theirs, may deny the corri... Read more
संपादक की बात सोशल मीडिया के साधन संचार के शक्तिशाली मंच बन गए हैं। आतंकवादी भी इसी मीडिया या माध्यम का इस्तेमाल कर रहे हैं और ऐसे में देश के हितों को सुरक्षा संबंधी खतरे से बचाने की दृष्टि... Read more